NashJohn24 9 years ago There's a tremendous difference between alone and lonely. You could be lonely in a group of people. I like being alone. I like eating by myself. I go home at night and just watch a movie or hang out with my dog. I have to exert myself and really say, oh God, I've got to see my friends 'cause I'm too content being by myself.
NashJohn24 9 years ago Life me kuch log Aise bhi hote hain
jinse kitna b Jhagda kar lo
Unhe Chorna Bahut Muskil Hota Hai ...:)
NashJohn24 9 years ago A Heart Touching Story:-
Ek 6 year k bacche ki dost
sunami me mar gyi..
Wo daily samundar k kinare jata,
Lehre aati or uske kadmo ko
bhiga jati,
Ladka rota or kehta tu kitne bhi
pav chu le..
Main kabhi tumhe maaf nahi
karunga…!!:(
NashJohn24 9 years ago लगता है मैं भूल चुका हूँ मुस्कुराने का हुनर
.
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कोशिश जब भी करता हूँ आँसू निकल आते हैं ।:L
NashJohn24 9 years ago FEW MINUTES AGO I CLOSED MY EYES AND SAW U
IN MY DREAMS.I FOUND U MOST HAPPIEST IN THIS
WORLD, IF THIS IS WAY TO SEE U HAPPY, I WISH
MY EYES CLOSE FOREVER:):)
mandeep4757 9 years ago Kaisa hai Nash? Kya kar rha hai?
NashJohn24 9 years ago आगे सफर था और पीछे हमसफर था..
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता..
मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..
ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...
मुद्दत का सफर भी था और बरसो
का हमसफर भी था
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....
यूँ समँझ लो,
प्यास लगी थी गजब की...
मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते.
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!
वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।।
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।।
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है!!
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"..
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी!!!!
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया....
अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा. ......
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है.
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”
दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...
बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!!
भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की.
जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!!
हंसने की इच्छा ना हो...
तो भी हसना पड़ता है...
.
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
.
ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.
"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!"
दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,
ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,
पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं।
मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि...
Bhagwan को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम
गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने ....
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम..:L
NashJohn24 9 years ago दिल मजबूर हो रहा है तुम से बात करने
को, बस जिद ये है कि बात की शुरुआत तुम
करो..! :L
NashJohn24 9 years ago मी तिच्यात नव्हतो पण ती माझ्यात
होती..
तीची नव्हती कधी पण माझी साथ
होती..
मी आजवर कदीलांच्या उजेडात जगलो
ती चमकणा-या ता-यांच्या प्रकाशात
होती..
तीचा प्रवास
होता मोठ्या महामार्गावरचा
माझी ती बिचारी लहान पायवाट
होती..
तिच्या स्वप्नांना दोरखडं जखडलेले नेहमी
माझी कधीही सुटणारी निसरति गाठ
होती..
तीच सुखांशी नेहमी अजोड नातं गुफ़लेल
माझ्या वाट्याला दुःखंच भरमसाठ
होती..
नेहमी साखर झोपेची तिची पहाट
रोजची
मी डोळे मिटले नाही माझी सदा पहाट
होती..
तिच्या ओठी नेहमी हसु उमलायच सुखाच
माझ्या डोळ्यानां नेहमी आसवांची साथ
होती..
तिने कधी हात जोडले नाहीत
कशासाठी देवापुढे
तीच्यासाठी देवळात नेहमी माझीच
वरात होती..
आज म्हणतेय मी चुकली पण काय फ़ायदा
खरच फ़ार उशीरा तीची ही साद होती...
मी स्मशांन वाटेवर
असताना तिला कळाल
आज म्हणे ती दिवसभर देवळात होती . . .:L
NashJohn24 9 years ago Ek relationship tab hi successful hota hai, jab dono log usse bachaane ke liye pura effort dete hain.. Na ki tab, jab ek person paaglon ki tarah usse bachaane ke liye sb kuch kar raha hai aur samne wale ko koi parvaah hi nahi hai..:)